यह
रोटी नहीं
रथ का टूटा पहिया है
जिसे लेकर
अकेला अभिमन्यु
चक्रव्यूह में घुस पड़ा है
लेकिन
यह एक वक़्त की रोटी
मात्र सूर्यास्त तक ही
उसका साथ दे सकी थी
और फिर
प्राणघातक भूख ने
चारों ओर से घेरकर
उसे
मार डाला था!
यह
रोटी नहीं
रथ का टूटा पहिया है
जिसे लेकर
अकेला अभिमन्यु
चक्रव्यूह में घुस पड़ा है
लेकिन
यह एक वक़्त की रोटी
मात्र सूर्यास्त तक ही
उसका साथ दे सकी थी
और फिर
प्राणघातक भूख ने
चारों ओर से घेरकर
उसे
मार डाला था!