यह भी कोई वक्त है ?
शब्द उतरने से करने लगे हैं इनकार
और आत्मा सूखकर
समुद्र से बन गई है बूँद
देश सो गया है
टीवी देखते-देखते
कौन पढ़ेगा कविता ?
यह भी कोई वक्त है कविता पढ़ने का ?
यह भी कोई वक्त है ?
शब्द उतरने से करने लगे हैं इनकार
और आत्मा सूखकर
समुद्र से बन गई है बूँद
देश सो गया है
टीवी देखते-देखते
कौन पढ़ेगा कविता ?
यह भी कोई वक्त है कविता पढ़ने का ?