यह मूर्तियों को सिराये जाने का समय है ।
मूर्तियाँ सिराई जा रही हैं ।
दिमाग़ में सिर्फ़ एक सन्नाटा है
मस्तिष्क में कोई विचार नहीं
मन में कोई भाव नहीं
काले जल में, बस, मूर्ति का मुकुट
धीरे-धीरे डूब रहा है !
यह मूर्तियों को सिराये जाने का समय है ।
मूर्तियाँ सिराई जा रही हैं ।
दिमाग़ में सिर्फ़ एक सन्नाटा है
मस्तिष्क में कोई विचार नहीं
मन में कोई भाव नहीं
काले जल में, बस, मूर्ति का मुकुट
धीरे-धीरे डूब रहा है !