यात्रा का मार्ग
जब-जब भी पूछा
लोगों ने बताया-
अलग-अलग ।
मैं, बिना बताएं ही
इस मजिल तक
आ पहुंचा हूं ।
अनुवाद : नीरज दइया
यात्रा का मार्ग
जब-जब भी पूछा
लोगों ने बताया-
अलग-अलग ।
मैं, बिना बताएं ही
इस मजिल तक
आ पहुंचा हूं ।
अनुवाद : नीरज दइया