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यादों का हिस्सा / मनीष मूंदड़ा

हर एक पल,
हर एक लम्हा...
बीत जाता है
गुजर कर दर्ज हो जाता है
यादों में
रह जाता है सिर्फ़ बातों में
हमारी तुम्हारी बातों को
सहज सम्भाले हुए
फिर कभी ना वापिस आने के लिए
जीवन हमारा इन लम्हों से बना
हर पल गुजरता
चलता रहता
बिना रुके...
हम बनते जाते हैं यादों का हिस्सा
किसी और की बातों का हिस्सा।
बस इतना-सा ही सच है
जो बीत जाता है
समय हो या फिर जीवन
लौट के कभी नहीं आता
कभी भी नहीं...,