उन्होंने बच्चों को इसलिए मारा
कि वे नक्सली बनते बड़े होकर
उन्होंने स्त्रियों को इसलिए मारा
कि वे पैदा करतीं नक्सली
तमाम हत्याओं के वाजिब कारण
थे उनके पास
ज़रूर आपके पास भी रहे होंगे
अपनी चुप्पी के वाजिब कारण
माफ़ कीजिए
कोई वाजिब कारण न होते हुए भी
मुझे यह सब याद आ रहा है
आज पन्द्रह अगस्त के दिन