उसकी याद जो आई तो.
डसने लगी तनहाई तो.
जिसकी क़समें खाते हो,
उसने क़सम ना खाई तो.
उससे बिछड़ कर रह लोगे,
पर जो चली पुरवाई तो.
नींद की गोली खाकर भी,
तुमको नींद न आई तो.
वो मूरत खजुराहो की,
उसने ली अँगड़ाई तो.
माना कुछ न कहोगे तुम,
आँख मगर भर आई तो.