किया बेआबरू, ये यार मेरा कैसा है
लगे यूं फिर भी मुझे जैसे रब के जैसा है
नहीं है देखा उसे आज तक कभी यारो
वो होगा जैसा भी मेरे ख़्याल जैसा है
कभी ना मुझ को करे याद, दूर दूर रहे
मैं हूं गरीब, मगर उसके पास पैसा है
नहीं वो जानता रिश्तों की अहमियत या रब
वो समझे रिश्ता हमारा भी ऐसा वैसा है
कभी था हीर से रांझे का प्यार चर्चा में
लगे मुझे भी, मेरा प्यार तुमसे वैसा है