माँ कह एक कहानी*
न राजा न रानी
भूखे, बेघर, दुखी, सताए
इनकी कोई कहानी
बहती गंगा किन लोगों की
किनके औढरदानी !!
[*मैथिलीशरण गुप्त की कृति ‘यशोधरा’ के राहुल यशोधरा संवाद प्रसंग से साभार]
माँ कह एक कहानी*
न राजा न रानी
भूखे, बेघर, दुखी, सताए
इनकी कोई कहानी
बहती गंगा किन लोगों की
किनके औढरदानी !!
[*मैथिलीशरण गुप्त की कृति ‘यशोधरा’ के राहुल यशोधरा संवाद प्रसंग से साभार]