Last modified on 23 जून 2017, at 15:32

युग का यह वातायन / बलबीर सिंह 'रंग'

युग का यह वातायन।

दर्पण से ढका हुआ
बालू पर टिका हुआ
जीवन-पर्यन्त आग-पानी का पारायण।
युग का यह वातायन।

अनुबंधित गरिमाऐं
आतंकित प्रतिभाऐं
कर्म भूमि गीता, किन्तु जन्म भूमि रामायण।
युग का यह वातायन।

गति-निरपेक्ष मलय
अथवा सापेक्ष प्रलय
जन-मन-गण उत्पीड़न नारायण नारायण।
युग का यह वातायन।