शुरू में कुछ पता नहीं चलता
युद्ध की घोषणा करने वाले
अपने हथियारों का परीक्षण और
इस्तेमाल साथ-साथ करते हैं
गोलीबारी में मरने वाले लोग
कितने होते हैं
इसका सिर्फ़
अनुमान लगाया जा सकता है
तबाह होते हैं स्कूल
तबाह होते हैं अस्पताल
तबाह होती बस्तियाँ
तबाह होते हैं घर
युद्ध से कुछ नहीं बचता
ये और बात है कि इसका एहसास
युद्ध ख़त्म होने के बाद होता है
तब तक बहुत देर हो चुकी होती है ।