हरु हरु युवजन देश-कलेश
देश दशा जनितहिं की सभजन सपनहुँ नहि सुख लेश।
मैथिल जाति समुन्नति कारण के सह आज कलेश।
सब जन स्वारथहीमे आरत, गारत भारत देश॥
ककरा कहब सुनत के मन दय, के कर परम निदेश?
सर्व समुन्नति युवजन ऊपर निर्भर अछि अवशेष॥
श्री बलदेव देवसेवे बल करु किछु देश विशेष।
आलस त्यागि, जागि सभ सज्जन करु करु हित उपदेश॥