ये गेहूँ की बालियाँ
ये बाजरे के सिट्टे
दुआ में उठे हुए
हाथ हैं
धरती माँ के
औलाद भूखी हो तो
माँ की नींद कहाँ आती है।
ये गेहूँ की बालियाँ
ये बाजरे के सिट्टे
दुआ में उठे हुए
हाथ हैं
धरती माँ के
औलाद भूखी हो तो
माँ की नींद कहाँ आती है।