ये ब्रिजराजकूं अर्ज मेरी। जैसी राम हमारी॥ध्रु०॥
मोर मुगुट श्रीछत्र बिराजे। कुंडलकी छब न्यारी॥१॥
हारी हारी पगया केशरी जामा। उपर फुल हाजारी॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलिहारी॥३॥
ये ब्रिजराजकूं अर्ज मेरी। जैसी राम हमारी॥ध्रु०॥
मोर मुगुट श्रीछत्र बिराजे। कुंडलकी छब न्यारी॥१॥
हारी हारी पगया केशरी जामा। उपर फुल हाजारी॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलिहारी॥३॥