योजनाओं में हरियाली थी
धूप खिली थी, बह रहे थे मीठे झरने
एक दिन एक योजनाकार को
रास्ते में प्यास से तड़पता एक आदमी मिला
योजनाकार को दया आ गई
उसने झट उसके मुँह में एक योजना डाल दी
योजनाओं में हरियाली थी
धूप खिली थी, बह रहे थे मीठे झरने
एक दिन एक योजनाकार को
रास्ते में प्यास से तड़पता एक आदमी मिला
योजनाकार को दया आ गई
उसने झट उसके मुँह में एक योजना डाल दी