वैसे तो सम्बन्ध बहुत से, देख रहा संसार।
निज भाई से एक बहन का, अनुपम होता प्यार॥
रक्षाबंधन नामक होता, एक निराला पर्व।
भाई सहित सभी बहनों को, होता इस पर गर्व।
बहन हाथ पर बाँधे राखी, तो दे आशीर्वाद।
रक्षित कर बहनों को भाई, रहे सुखी आबाद।
यथायोग्य भाई है देता, बहनों को उपहार।
निज भाई से एक बहन का, अनुपम होता प्यार॥
बहन नहीं है जिस भाई को, वह है आज उदास।
उसको सुनना ही पड़ता है, मित्रो का उपहास।
बेटी एक नहीं जनने पर, माँ रोती है आज।
अन्य घरों में देख महोत्सव, उसको लगती लाज।
बेटी बिना सदा लगता है, सूना वह परिवार।
निज भाई से एक बहन का, अनुपम होता प्यार॥
कई पर्व होते भारत में, सबके भिन्न विधान।
धर्म सहित अध्यात्म छिपा है, सब में है विज्ञान।
भाई-बहनों के आपस का, है यह प्रेम महान।
देख रीतियाँ विश्व चकित है, हम करते अभिमान।
सदियों से रक्षा बंधन का, प्रचलित है त्योहार।
निज भाई से एक बहन का, अनुपम होता प्यार॥