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रक्षा बंधन के गीत / भोजपुरी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

1.

गलिया क गलिया फिरइ मनिहरवा,
के लइहैं मोतिया क हार-हिंडोलवा।
मोतिया क हार लइहैं भैंया हो - भैया,
जेकर बहिनी दुलारी - हिंडोलवा।
पाछे लागी ठुनकई बहिनी रानी,
एक लर हमहूं क देहूं - हिंडोलवा।
एक लर टुटि हैं सहस मोती गिरि हैं।
एक लर बहिनि तुं लेउ - हिंडोलवा।

2

माइ तलवा कुहकइ मोर।
माई जेठरा भइअवा जिनि होइहैं सावन नीअर।
माई सार बहनोइया एकै होइहैं सावन नीअर।
माई बभना का पूत जिनि पठये सावन नीअर।
माई पोथिया बांचन लगिहें सावन नीअर।।
माई लहुरा भइयवा पठये सावन नीअर।
माई रोइ-गाइ बिदवा करइहैं सावन नीअर।।

3

ठाढ़ी झरोखवा मैं चितवऊं,
नैहरे से कोई नाहीं आइ।
ओहिरे से केउ नाहीं बपई रे
जिन मोरी सुधियों न लीन।
ओहिरे बहिनिया कैसन बीरन,
ससुरे में सावन होई।