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रघुपति राघव राजाराम / हनुमानप्रसाद पोद्दार

(राग पीलू बरवा)

बन्धुगणो! मिल कहो प्रेमसे-
       ‘रघुपति राघव राजाराम।’
मुदित चित्त से घोष करो पुनि-
       ‘पतीतपावन सीताराम॥’
जिह्वा-जीवन सफल करो कह-
       ‘जय रघुनन्दन, जय सियाराम।’
हृदय खोल बोलो, मत चूको-
       ‘जानकिवल्लभ सीताराम॥’
गौर रुचिर, नव घनश्याम छबि,
       ‘जय लक्ष्मण, जय जय श्रीराम।’
अनुगत परम अनुज रघुबरके-
       ‘भरत-सत्रुहन शोभा-धाम॥’
उभय सखा राघवके प्यारे-
       ‘कपिपति, लंकापति अभिराम।’
परम भक्त निष्काम-शिरोमणि
       ‘जय श्रीमारुति पूरण-काम॥’
अति उमंगसे बोलो संतत-
       ‘रघुपति राघव राजाराम।’
मुक्त कंठ हो सदा पुकारो-
       ‘पतीतपावन सीताराम॥’