♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
रचौ रचौ है वृन्दावन रास
लँगुरिया चलै तो दर्शन कर आमें॥ टेक॥
है कौन गाँव रानी राधिका,
तो कौन गाँव घनश्याम॥ लँगुरिया चलै.
बरसाने की रानी राधिका,
तौ नन्दगाँव घनश्याम॥ लँगुरिया चलै.
कौन वरन की रानी राधिका,
तौ कौन बरन घनश्याम॥ लँगुरिया चलै.
गोरे बरन की रानी राधिका,
तौ श्याम बरन घनश्याम॥ लँगुरिया चलै.
पहने कहा है रानी राधिका,
और कहा पहने घनश्याम॥ लँगुरिया चलै.
लाल चुंदरिया राधे पहने है,
तौ पीताम्बर घनश्याम॥ लँगुरिया चलै.
कहा करत है रानी राधिका,
तौ कहा करत घनश्याम॥ लँगुरिया चलै.
निरत करत है रानी राधिका,
और मुरली बजावै घनश्याम॥ लँगुरिया चलै.