घर री
मान मरजादा
बाप री आण
पाघ री कांण
रोप दियो पग
आंख्यां में पण
सुपनां कुंआरा।
आंख्यां ढळकै
गरळ-गरळ आंसूड़ा
दिखण में दिखै
घर रो मोह
रड़कै पण प्रीत।
घर री
मान मरजादा
बाप री आण
पाघ री कांण
रोप दियो पग
आंख्यां में पण
सुपनां कुंआरा।
आंख्यां ढळकै
गरळ-गरळ आंसूड़ा
दिखण में दिखै
घर रो मोह
रड़कै पण प्रीत।