पाँच बच्चों की माँ थी रमरतिया
औरत के नाम पर कलंक थी
डाइन, कठकरेज़ी छिनार थी रमरतिया
बच्चों का मुँह भी नहीं देखा
और चुपचाप भाग गयी रमरतिया
अपने इर्द-गिर्द भिनकते बच्चों को बिठाए
गरिया-गरियाकर भड़ास निकाल रहा था
रमरतिया का शराबी पति
सबकी सहानुभूति उसी के साथ थी
मेरी आँखों के सामने नाच गयी
मेहनत-मजूरी करती रमरतिया
पति की गाली-मार खाती रमरतिया
बच्चों के पीछे कउवा हँकनी बनी रमरतिया
आज अचानक कहीं चली गयी
साँवली, सलोनी, छरहरी रमरतिया
सोचती हूँ
जाने, कहाँ, किस हाल में होगी रमरतिया!