आज की कविता एक पान है
कत्था : शृंगार रस
चूना : हास्य रस
सुपारी : वीर रस
कवि सम्मेलन :
पान की दुकान है
गोष्ठी : पानदान है ।
आज की कविता एक पान है
कत्था : शृंगार रस
चूना : हास्य रस
सुपारी : वीर रस
कवि सम्मेलन :
पान की दुकान है
गोष्ठी : पानदान है ।