Last modified on 28 जून 2017, at 18:14

रहस्य है स्त्री / रंजना जायसवाल

तुम नोंचते रहे पत्तियाँ
फल-फूल
खोदते रहे जड़ें
युग बदलते रहे
नहीं बदली तुम्हारी सोच
कि रहस्य है स्त्री।