काट भी दिया
चुन भी लिया अपने ही मौजूँ
और कोई शब्द-
रहूँगा पर मैं
उस वाक्य की स्मृति में
काट कर मुझ को
जिसे अपने लिए मौजुँ
बनाया तुम ने।
(1991)
काट भी दिया
चुन भी लिया अपने ही मौजूँ
और कोई शब्द-
रहूँगा पर मैं
उस वाक्य की स्मृति में
काट कर मुझ को
जिसे अपने लिए मौजुँ
बनाया तुम ने।
(1991)