राकेट उड़ा हवा में एक,
लाखों लोग रहे थे देख।
पहले खूब लगे चक्कर,
हुआ अचानक छू-मंतर।
जा पहुँचा चंदा के पास,
जहाँ न पानी, जहाँ न घास।
उलटे पाँव लौट आया,
साथ धूल-मिट्टी लाया!
राकेट उड़ा हवा में एक,
लाखों लोग रहे थे देख।
पहले खूब लगे चक्कर,
हुआ अचानक छू-मंतर।
जा पहुँचा चंदा के पास,
जहाँ न पानी, जहाँ न घास।
उलटे पाँव लौट आया,
साथ धूल-मिट्टी लाया!