Last modified on 31 अगस्त 2009, at 19:44

राजकमल चौधरी / परिचय

राजकमल चौधरी का जन्म उत्तरी बिहार के महिसी गांव में हुआ। शिक्षा के बंधन में बंधकर ये लगातार यायावरी तथा साहित्य सृजन करते रहे। काव्य प्रतिभा बचपन से थी। ये पटना में अल्पायु में ही दिवंगत हुए। इन्होंने प्रचुर गद्य और पद्य रचना की है। उपन्यास (मछली मरी हुई, देहगाथा आदि), कहानी संग्रह (मछली जाल, 'सामुद्रिक और अन्य कहानियां) के अतिरिक्त इनकी मुख्य काव्यकृतियां हैं : 'कंकावती, 'मुक्ति प्रसंग, 'इस अकाल वेला में तथा 'स्वर-गंधा (मैथिली)। राजकमल वामपंथी विचारधारा के रचनाकार थे।