हवा सर्द है !
रात खामोश है
जिस तरह चुप तुम्हारे अधर !
बात क्या है ?
राज़ क्या है ?
कि जो सो गयी हर लहर !
दे रही नींद पहरा,
घिर गया तिमिर गहरा,
उठ रहा दर्द है !
हवा सर्द है !
हवा सर्द है !
रात खामोश है
जिस तरह चुप तुम्हारे अधर !
बात क्या है ?
राज़ क्या है ?
कि जो सो गयी हर लहर !
दे रही नींद पहरा,
घिर गया तिमिर गहरा,
उठ रहा दर्द है !
हवा सर्द है !