राजाओं को गुज़र बसर के लिए चार-पाँच कमरों का
मकान नही आलीशान महल चाहिए
उनके लिए एक दो रानियाँ नही सैकड़ों रानियों का
हरम चाहिए ।
पुरूषार्थ बनाए रखने के लिए चाहिए
शाही हक़ीम
नहाने के लिए तरणताल और जलक्रीड़ा में पारंगत
स्त्रियाँ चाहिए
दरबारियों और मुसाहिबों के बिना सम्पन्न नही
हो सकती दिनचर्या
उन्हे रागदरबारी गाने के लिए शास्त्रीय गायक
और नृत्य के लिए नृत्यांगनाएँ चाहिए ।
उन्हे तोप बन्दूक हाथी घोडे और आखेट के लिए
निरपराध लोग चाहिए।
इतिहास में उनका नाम तानाशाह के रूप मे
दर्ज होना चाहिए लेकिन वे अपने मुकुट के साथ
समय के पन्नों में चमक रहे हैं ।