पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
राजा-दशरथ जसो बाप
अन लक्षमन जसो भाई खऽ
छोड़ खऽ कहाँ चली गयो रे मऽरो लाल
भगवान तोनऽ असो काहे कर्यो रे
कोनसा जलम को बदला लिया रे भगवानजी
असो बेटा आब कहाँ सी लाहूँ रे भगवान
अखण्ड दऊड़-दऊड़ खऽ काम कर्यो ओ बाई
मऽरा बेटा नऽ... दो दिन पहले।
ऐखऽ का हो गयो रे मऽरा भगवान।