टप-टप लोर चुबाबै रात-रानी
कारोॅ-कारोॅ केश संवारे रात-रानी॥
भरलोॅ अन्हेरिया में पाते-पात डोलै
झिंगुरिया झंकार गावै रात-रानी॥
होत प्रात कली-कली भौंरा गुंजारै
हौले-हौले घुंघटा उठावै रात-रानी॥
धरती बहुरिया अंग के चमकावै
डारे-डार फुलवा उगावै रात-रानी॥