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चांदनी नींद से छोटी है
हमारे कमरे से बहती गुज़रती है नदी
फ़र्नीचर इस तरह हैं जैसे बंदरगाह में खड़े हों
न केवल इतिहास की कथाएं
बल्कि नाजायज़ मौसम के
स्वीकृत चेहरे भी
हमें वर्षा वनों की तरफ़ ले जाते हैं
ओ! आंसुओं में एक सुरक्षा-रेखा बनी है
कांच के पेपरवेट अर्थ निकालते हैं
लेखन के आख्यान की चोटों का
कितने सारे काले पहाड़ों ने मिलकर रोका था
1949 का रास्ता
जहां एक बेनाम धुन ख़त्म होती है
फूल मुट्ठी तान चीख़ उठते हैं
अंग्रेजी भाषा से रूपांतरण : गीत चतुर्वेदी