पेड़ भी कुछ सोचते होंगे
आदमी के बारे में
एक बार ऐसी कल्पना करके देखिए
फिर अपने को विश्वास दिलाइए
कि हुंह, पेड़ क्या सोच सकते हैं भला
बकवास, विशुद्ध कवि-कल्पना
और फिर सोने की कोशिश कीजिए
और अगर नींद आ जाए तो सो जाइए
मैं आपसे मना तो नहीं कर रहा।