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राम राम गा‌ओ संतो / हनुमानप्रसाद पोद्दार

(राग भैरवी-ताल दादरा)

राम राम गा‌ओ संतो, राम राम गा‌ओ।
राम-नाम गा‌इ-गा‌इ रामको रिझा‌ओ॥
रामहिको नाम जपो, रामहिको ध्या‌ओ।
राम राम राम कहत प्रमुदित ह्वै जा‌ओ॥
राम राम सुनि-सुना‌इ हिय अति हुलसा‌ओ।
राम राम राम रटत सब बिधि सुख पा‌ओ॥
राम-नाम-मद्य पि‌ओ, विषय-मद भुला‌ओ।
राम-सु-रस पीय-पीय तन-सुधि बिसरा‌ओ॥
राम आदि, मध्य राम, राम अंत पा‌ओ।
राम अखिल जगतरूप राममें समा‌ओ॥