सुख कहाँ है ?
कौन सुख...
चैन ?
नहीं जानता...
शान्ति तो है न !
महाशय !
लगता है...
आपको किसी ने
गलत पता दिया हैं...
इधर
कभी कोई
सुख, चौन, शान्ति नहीं रहे
एक उम्र से
यहाँ सिर्फ मैं हूँ
सिर्फ मैं !
और मेरा अकेलापन...
सुख कहाँ है ?
कौन सुख...
चैन ?
नहीं जानता...
शान्ति तो है न !
महाशय !
लगता है...
आपको किसी ने
गलत पता दिया हैं...
इधर
कभी कोई
सुख, चौन, शान्ति नहीं रहे
एक उम्र से
यहाँ सिर्फ मैं हूँ
सिर्फ मैं !
और मेरा अकेलापन...