अँखुआ तो रूप है
इन अँखुओं से मिलकर बनी है
सारी की सारी धरती
रूप ही सही,
इस रूप के बिना
धरती हो जाएगी परती
तुम कहते रहो रूपातीत
लेकिन अँखुआ जब जब फूटेगा
रूप का नया संसार रचेगा
अँखुआ तो रूप है
इन अँखुओं से मिलकर बनी है
सारी की सारी धरती
रूप ही सही,
इस रूप के बिना
धरती हो जाएगी परती
तुम कहते रहो रूपातीत
लेकिन अँखुआ जब जब फूटेगा
रूप का नया संसार रचेगा