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रेत (17) / अश्वनी शर्मा

हर साल आते हैं
ये पावणे
हजारों मील से
तिलोर, बट्टा, मुर्गाबी
और कुरजां
देखते ही नहीं
अब तो लोग जानते हैं
इनका स्वाद भी।