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रॉक गार्डेन-3 / कुंदन अमिताभ

रॉक गार्डेन
एगोा चेतावनी छेकै
मानव सभ्यता केॅ
कि हे मानव
अबेॅ बस करऽ
आपनऽ अनाप शनाप
हरकत सें बाज आबऽ
नै तॅ
होय जैभेॅ नाश
कहलैभेॅ सृष्टि-विनाशक
जना-जेना तोरऽ
मनमानी बढ़लऽ जैथौं
हमरऽ (रॉक गार्डेन केरऽ)
परिसरो
फैललऽ जैथौं
आरो एक दिना
सौंसे धरतिये होतै
रॉक गार्डेन।