उँडेल दिया अपने को
पूरा का पूरा
और जिस दिन
वह जान गया समझ भर
ज़रूरत भर भी
उसने बटोर लिया शब्द-शब्द
रख लिया सहेल कर अस्त्र-सा
उसी के विरुद्ध जो
इस्तेमाल हुआ फिर रोज़-रोज़
उँडेल दिया अपने को
पूरा का पूरा
और जिस दिन
वह जान गया समझ भर
ज़रूरत भर भी
उसने बटोर लिया शब्द-शब्द
रख लिया सहेल कर अस्त्र-सा
उसी के विरुद्ध जो
इस्तेमाल हुआ फिर रोज़-रोज़