दिवाली पर रोशनी करते
मिठाई खाते और बधाइयाँ देते
उन्होने सोचा तक नहीं
एक पल को भी
उड़ीसा की तबाही के बारे में
उड़ीसा की तबाही के बारे में
समाचार पढ़ते,सुनते और देखते
उन्होने न बिसराया
एक पल को भी
कि आज दिवाली हैं
उड़ीसा में अँधेरा ही रहा
उनके दिलों में भी
कहाँ थी रोशनी
(उड़ीसा में दिवाली के दिन जब तूफान आया था )