लकीरों को पढ़ते
उन्होंने कहा —
अर्थाभाव रहेगा
अमुक पत्थर पहनो
धन की चाह नहीं
सो इनकार कर दिया
कान से चुहचुहाते पसीने में
जवान बेटी की हथेलियों की
हिना घुल रही थी
09.03.97
लकीरों को पढ़ते
उन्होंने कहा —
अर्थाभाव रहेगा
अमुक पत्थर पहनो
धन की चाह नहीं
सो इनकार कर दिया
कान से चुहचुहाते पसीने में
जवान बेटी की हथेलियों की
हिना घुल रही थी
09.03.97