लगन थारी लागी चतुरभुज राम।
श्याम सनेही जीवन ये ही औरन से क्या काम।
नैन निहारूँ पल न बिसारूँ सुमिरूँ निसिदिन श्याम॥
हरि सुमिरन तें सब दुख जावे मन पावे बिसराम।
तन-मन-धन न्योछावर कीजै कहत दुलारी जाम॥
लगन थारी लागी चतुरभुज राम।
श्याम सनेही जीवन ये ही औरन से क्या काम।
नैन निहारूँ पल न बिसारूँ सुमिरूँ निसिदिन श्याम॥
हरि सुमिरन तें सब दुख जावे मन पावे बिसराम।
तन-मन-धन न्योछावर कीजै कहत दुलारी जाम॥