गाँव के मेले में
मैंने उसे
कुछ नहीं दिया ।
जानता हूँ कि
जानती है वह
बाल-बच्चों के
बहू-बेटियों के
भूखे और नंगे संसार में
दूर-दूर तक स्वर्ग नहीं है ।
गाँव के मेले में
मैंने उसे
कुछ नहीं दिया ।
जानता हूँ कि
जानती है वह
बाल-बच्चों के
बहू-बेटियों के
भूखे और नंगे संसार में
दूर-दूर तक स्वर्ग नहीं है ।