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लम्हों की / विजय वाते

भीख लम्हों की, प्यास लम्हों की|
ये कहानी है खास लम्हों की|

मेरी गोदी में चांद लेटा है,
मेरी चादर उदास लम्हों की|

सात घोड़े

हैं, एक रस्ता है,

किसने थमी है रास लम्हों की

उफ़ गज़ब की ये जानलेवा हैं,
दस्तकें आस-पास लम्हों की|

बात मत कर 'विजय' रिहाई की,
जिंदगानी है दास लम्हों की|