ललना
आब नहि रहलि
असूर्यप्श्या
ओ किसिम-किसिमक खेल खेलइए
कम्पनी चलबैए
नीति बनबैए
देस चलबैए।
ललना
डाँड़ सक्कत कऽ ठाढ़ अछि
ओ पुरुषक मजबूरी नहि
खगता बनि गेलि अछि।
ललना
आब नहि रहलि
असूर्यप्श्या
ओ किसिम-किसिमक खेल खेलइए
कम्पनी चलबैए
नीति बनबैए
देस चलबैए।
ललना
डाँड़ सक्कत कऽ ठाढ़ अछि
ओ पुरुषक मजबूरी नहि
खगता बनि गेलि अछि।