(बेटो रण में जावण सारू घोड़ै माथै सवार होय‘र चालै कै वींरी मा वींनैं रोकण सारू आडी फिरै)
मां 	-	दोरो तो पाळ्यो म्हारा जाया जोध-जवान
		दूधड़लो छळकै म्हारै आंचळां
		रूक जा रे रूकजा, बळसी जामण कैरो पेट,
		एक‘र पोतै रो मूंडो देख लूं
जवान -	        म्हारा तो थाम्या रे लश्कर ना थमै कोई
		भावी रा जायोड़ा लश्कर थामसी ए मा।।
		(आगै बधै तो बैन मिले)	
बैन	-	आई रे झूलण आई सावणियै री तीज,
		सोनै री भेजूं पाछी घूघरी
		रूकजा रे रूकजा वीरा, बैनड़ली रै हेत,
		पुणचै तो बांधूं पीळी राखड़ी।
जवान	-	म्हारा तो थाम्या रे लश्कर ना थमै कोई
		भावी रा वीरा लश्कर थामसी ए बैन।।
भोजाई	-	भाई रे भतीजा थारो जगमग चंदण-चौक,
		अबकी होळी रे रंग भर खेलस्यां।
		रूक जाओ देवर कोई भावजड़ी रै हेत,
		आई मुकळावै भोळी बीनणी।
जवान	-	म्हारा तो थाम्या रे लश्कर ना थमै कोई
		भावी रा देवरिया लश्कर थामसी ए ओ राज।।
		(आगै चाल्यां तो बहू मिले)
बहू	-	गोखै संजोया दीया महाराज बादळ मै‘ल
		सुख भर तो पौढौ हिंगळू ढोलियै।
		लश्कर तो थामौ राजा चंद घड़ी रा खेल,
		कूख तो उडीकै वंस-वधावणौ।।
जवान	-	म्हारा तो थाम्या रे लश्कर ना थमै कोई
		भावी रा भरतारां लश्कर थामसी ए ओ राज।।
				     (चाल्यौ जावै)