आरोपित अचाही ज़िन्दगी जी ली,
हरक्षण, हर क़दम शर्मिन्दगी जी ली,
हम से पूछते इतिहास अब क्या हो
दुनिया की जहालत गन्दगी जी ली !
हरक्षण, हर क़दम शर्मिन्दगी जी ली,
हम से पूछते इतिहास अब क्या हो
दुनिया की जहालत गन्दगी जी ली !