Last modified on 23 जनवरी 2015, at 14:55

लापता पूरी स्त्री / लीलाधर जगूड़ी

मौत पैदा करते पुरुषों ने
जीवन पैदा करती स्त्री को
पहले ही प्रेम की बुनियाद में गाड़ रखा है

अपने में आधी स्त्री का प्रतिनिधित्व लिए हुए
पुरुष डोलता रहता है
पूरी स्त्री की ढूँढ़ में
पूरी स्त्री में मिलती है उसे वह आधी स्त्री जो उसके भीतर से ग़ायब थी

उस आधी स्त्री में ढूँढ़ता है वह
उस पूरी स्त्री को
जो अपने में बाँधे है पूरा परिवार

आधी स्त्री कहाँ जाए अपनी पूर्णता के लिए.