ये लाल चेहरे वाले लोग
जो इस हॉल में बैठे हैं
बड़ी सी टेबल घेरे हुए
जिनके सामने रखी हैं
मशीन के पानी की बोतलें
सुना है ये सोचने का काम करते हैं
इन्हें मिलने वाली तनख्वाह इसीलिये बड़ी है
क्योंकि ये बड़ा सोचते हैं..
और सोचने के बाद
आगे का काम किसी और को सौंप देते हैं
इनके ये लाल चेहरे इतने लाल कैसे हैं
ये समझ नहीं आता
क्योंकि ना तो इन्हें आते देखा अभी धूप से
ना अन्दर चल रहे ए.सी. में कोई खराबी है
अभी तक कोई शर्मवाली बात भी ना हुई यहाँ
बस खिलखिलाने की आवाजें आती हैं बीच-बीच में
ना इनके खाने में
ना ही नाश्ते में डाली गई है
कोई लाल-हरी तीखी मिर्ची..
इनकी बात भी तो समझ नहीं आती हमें
जाने.. अंग्रेज़ी में गिट-पिट करते हैं शायद
चपरासी ने बताया था
कि बड़े साब लोग आने हैं
किसी बाल-श्रम की समस्या पर
कुछ बड़ा सोचना है उन्हें आज
पर हमें क्या
जल्दी से ये खाना-चाय ख़तम करें
तो हम निकलें अपने घर को
कल तो बापू आ ही जायेंगे काम पर लौट के...