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लुक्खी बनरिया / दिनेश बाबा

लुक्खी बनरिया धूम मचाबै
बानर देखी केॅ चिचियाबै
होकरोॅ रूप निराला छै
धारी काला-काला छै
देह कटी टा पूँछ बड़ी
ताकै चहुँ दिश खड़ी-खड़ी
फुदकै चीं चीं करी-करी
खुशी से आ कि डरी-डरी
रहै छै पीपरोॅ गाछी पर
रिसियाबै छै माँछी पर
साथी चिड़िया मुनियाँ छै
गाछ-विरिछ ही दुनियाँ छै