जब मैं अकेला होता हूँ
वे कहतें हैं
किसी काम का नहीं
जब किसी काफ़िले के साथ होता हूँ
वे देखते हैं मेरी जगह
आगे से पहला दूसरा तीसरा
या कभी पीछे अन्त में
एक मोड़ पर
थकान मिटानें
रूकता हूँ जब
काफ़िला बढ़ जाता है
हाथ झटककर
मुझे चुपचाप छोड़कर
अकेले होने पर
लगाता हूँ हिसाब
काफ़िले से कितना आगे
या फिर कितना पीछे
खड़ा हूँ मैं